PF Full Form: EPF क्या है, ब्याज दर, कितना कटता है पूरी जानकारी

अगर आप या आपका कोई जानने वाला कोई प्राइवेट या सरकारी नौकरी कर रहा है तो आपको पता ही होगा की EPF क्या होता है? पर ऐसे बहुत से लोग है जो जॉब की तलाश में है और उनके मन में PF के बारे में जानने के उत्सुकता है। इसके अलवा बहुत से लोगो के मन में ये सवाल भी रहते है PF Full Form क्या है, Salary से कितने प्रतिशत पीएफ कटता है, इस पर ब्याज दर क्या लगती है इत्यादि। आज इस आर्टिकल में हम आपको PF/EPF से जुडी सभी जानकारी आसान भाषा में बताएँगे।

आपने कई लोगो को ये कहते सुना होगा की उनकी सैलरी में से पीएफ कट जाता है। ये सुनकर आपके मन में भी ये सवाल जरुर आया होगा की आखिर से PF क्या होता है जो हर महीने तनख्वाह में से कटता रहता है। जॉब करने वाले भी बहुत से लोगो को इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी नहीं होता। उन्हें मोटा माटी बस इतना पता होता है की जो ये पैसे कटते है वो रिटायरमेंट के बाद मिल जाएंगे। किसी भी फील्ड के कर्मचारियों को पीएफ के बारे में पूरा जानना बहुत जरुरी है जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे। इसलिए इस लेख को आखिर तक जरुर पढ़े।

पीएफ क्या है – Full Form of PF in Hindi

EPF PF Full Form in Hindi
PF Full Form

भारत और दुनिया के कई देशो में कर्मचारियों के लिए पीएफ योजना को शुरू किया गया। इस योजना के अंतर्गत जिन कंपनियों में 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है उनके लिए EPFO में रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। EPFO की फुल फॉर्म है Employee Provident Fund Organization. EPFO ऐसा सरकारी संगठन है जो PF Scheme को संचालित करता है।

ईपीएफओ में पंजीकृत किसी भी सरकारी या प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने एक निश्चित राशि कटती रहती है जिसे PF कहते है। जितना PF हर महीने कटता है उतना है कंपनी द्वारा भी उसमे जमा किया जाता है। हर महीने कटने वाला ये पीएफ जुड़कर नौकरी के अंत में रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को ब्याज के साथ मिल जाता है। जिससे उनके लिए अच्छी सेविंग हो जाती है।

  • PF Full Form : Provident Fund
  • पीएफ फुल फॉर्म हिंदी में : भविष्य निधि (प्रोविडेंट फण्ड)

PF को EPF के नाम से भी जाना जाता है। हालाँकि दोनों का अर्थ एक ही होता है। EPF का पूरा नाम यानि Full Form है Employee Provident Fund.

EPF Full Form

PF/EPF कटवाना जरुरी है?

EPFO यानि Employee Provident Fund Organization द्वारा बनाए गए नियमो के आधार पर वो कंपनिया और संस्थाए जिनके यह 20 से ज्यादा लोग काम करते है उनके लिए EPFO पर पंजीकृत करना जरुरी है। जिसके बाद उन्हें यह काम कर रहे कर्मचारियों को EPF स्कीम के लाभ प्रदान किये जाते है। हालाँकि 20 से कम Employees वाले संगठन भी ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन करा सकते है।

PF से जुड़े दूसरे नियम के अनुसार प्राइवेट या सरकारी संस्थानों में काम करने वाले जिन कर्मचारियों का वेतन 15000 मासिक से कम है उनके लिए Provident Fund कटवाना अनिवार्य है।

जिन लोगो के सैलरी 15000 मासिक से अधिक है उनके लिए इस योजना का हिस्सा बनना जरुरी नहीं है। हालाँकि वो अगर चाहे तो EPF के लिए Register कर सकते है।

Salary का कितने प्रतिशत PF कटता है?

EPFO में Registered सभी Private और Government संस्थाओं में जॉब करने वाले सभी कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा हर महीने कटता रहता है। जो रिटायरमेंट के बाद उन्हें जुड़कर मिलता है। पीएफ करने से संबधित एक सवाल जो सबसे अधिक पूछा जाता है वो है की तनख्वाह से कितने फीसदी PF कटता है?

जितनी भी Basic Salary होती है उसका 12% PF के रूप में हर महीने कट जाता है। इसके साथ में कंपनी भी 12% यानी सामान राशि अपनी तरफ से EPF account में जमा करती है। जिसके बाद कुल मिलकर सैलरी का 24% हर महीने जमा होता है। सरल भाषा में समझाया जाए जितनी राशि हमारी सैलरी से कटती है उतनी ही कंपनी की तरफ से भी जमा होती रहती है।

कर्मचारी की सैलरी से काटने वाला 12% की पूरी राशि ईपीएफ अकाउंट में जमा होती रहती है। वही कंपनी द्वारा दी जाने वाले 12% राशि का 3.67 per cent ही EPF account में जमा होता है। बाकी का 8.33% EPS में हर महीने जमा होता रहता है। EPS की Full Form है Employee’s Pension Scheme. इस अकाउंट में जमा हुई राशि रिटायरमेंट के बाद पेंशन के रूप में किश्तों में कर्मचारियों को मिलती है।

EPF Interest Rate (ब्याज दर)

EPF India Official Website के अनुसार 2017-18 में PF पर ब्याज दर 8.55% थी जिसके बाद 2019 में बढ़ोतरी के बाद पीएफ ब्याज दर 8.65 प्रतिशत हो गयी। सरकार हर साल ईपीएफ की ब्याज दर की समीक्षा करता है। ये इंटरेस्ट रेट केवल ईपीएफ अकाउंट की राशि पर ही दिया जाता है। EPS पर ये ब्याज दर लागू नहीं होती।

किसी EPF Account में अगर लगातार 3 साल तक कोई राशि जमा नहीं होती तो वो अकाउंट निष्क्रिय कर दिया जाता है। ऐसे निष्क्रिय खाते में जमा राशि पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कोई ब्याज नहीं मिलता।

आपकी सैलरी में से कटे PF और कंपनी द्वारा आपके ईपीएफ अकाउंट में डाली गयी राशि पर किसी तरह का कोई भी टैक्स नहीं लगता। आईटी अधिनियम की धारा 80 सी के अनुसार आपको 1.50 लाख तक की कटौती मिल जाती है।

PF (Provident Fund) के फायदे

  1. पीएफ के रूप में जितना पैसा सैलरी से कटता है उतना ही हर महीने कंपनी द्वारा अकाउंट में अपनी तरफ से भी जमा किया जाता है जिससे सेविंग अच्छी हो जाती है।
  2. आज के समय EPF Account में जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दर 8.65% है जो सेविंग अकाउंट के अलावा Fixed Deposit Account से भी अधिक है।
  3. ईडीएलआई योजना के अंतर्गत पीएफ खाताधारक को 7 लाख का Free Insurance मिल जाता है। इस इन्सुरांस के लिए खाताधारक को किसी तरफ का कोई Amount Pay नहीं करना होता।
  4. जिन लोगो का PF कट रहा है वो अपने कुल PF Amount का 90% तक इस्तेमाल घर या जमीन खरीदने के लिए कर सकते है। Home Loan की पेमेंट भुगतान करने के लिए भी पीएफ खाते का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  5. एक पीएफ खाताधारक को अपनी नौकरी पूरी करने के बाद पेंशन भी मिलने लगती है। ये पेंशन केवल उन्ही लोगो को मिलेगी जिनके पीएफ अकाउंट में लगातार 15 साल तक प्रोविडेंट फण्ड जमा होता रहा हो।
  6. किसी तरह की मेडिकल या वितीय इमरजेंसी के समय भी आप अपनी भविष्य निधि राशि का कुछ प्रतिशत निकलवा सकते है।

दोस्तों हम आशा करते है इस लेख PF Full Form : EPF क्या है, Interest Rate, पीएफ कितना कटता है? से आपको Employee Provident Fund से जुड़े आपके सभी सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपको ये आर्टिकल अच्छा लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।

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