थर्ड पार्टी बीमा क्या है : Third Party Insurance Price Benefits in Hindi

Third Party Insurance in Hindi: आज के समय जब भी हम कोई वाहन खरीदते हैं तो उसका बीमा करवाना जरुरी होता हैं। कार बाइक या फिर किसी भी बड़े वाहन के साथ में ही इन्शुरन्स भी लेना पड़ता हैं। बिना बीमे के रोड पर कोई भी वाहन चलाना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता हैं। आजकल आप सब ने थर्ड पार्टी बीमे के बारे में जरुर सुना होगा। थर्ड पार्टी इन्शुरन्स को लेना अब अनिवार्य कर दिया गया हैं। बहुत से लोगो को इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं होती। आज हम आपके बताएँगे थर्ड पार्टी बीमा क्या होता हैं, इसके फायदे, कीमत और इससे जुडी अन्य सभी जानकरी।

भारतीय ख़राब रोड़ो और लापरवाह ड्राइविंग से हम अनजान नहीं हैं। आप ये जानकर हैरान हो जायगे की भारत में हर साल लगभग 4 लाख वाहन एक्सीडेंट की चपेट में आते हैं जिनमे से 35% कारे और 70% दुपहिया वाहनों का किसी भी तरह का बीमा नहीं होता। और उनमे से बहुत से ऐसे भी हैं जिन्हें ये नहीं पता की कोई दुर्घटना होने पर Insurance Claim कैसे करे।

थर्ड पार्टी बीमा क्या है : Third Party Insurance in Hindi

थर्ड पार्टी बीमा क्या होता हैं: Third Party Insurance in Hindi

कार, बाइक या किसी भी दुसरे वाहन की बीमा पॉलिसी हमें 2 तरह के कवर प्रदान करती हैं। पहला हमारे नुकसान का और दूसरा किसी थर्ड पार्टी के नुकसान का। खुद का नुकसान मतलब अगर हमारी गाड़ी का रोड पर कोई एक्सीडेंट हो जाए तो हमारे गाडी में जो नुक्सान होगा उसकी भरपाई बीमा कंपनी करेगी। Third Party का मतलब हैं जिस किसी दुसरे वाहन या किसी व्यक्ति से एक्सीडेंट होता हैं और जब हमारी गलती से हुए एक्सीडेंट की वजह से उस थर्ड पार्टी का कोई नुकसान होता हैं तो उसकी भरपाई थर्ड पार्टी बीमा के अंतर्गत होता हैं।

मोटर वाहन अधिनियम नए रूल के अनुसार अब थर्ड पार्टी बीमा करना जरुरी हो गया हैं। इंश्योरेंस कंपनी से हम अपने वाहन के लिए केवल Third Party Insurance Policy ले सकते हैं या फिर Comprehensive policy/Zero Depth Policy के साथ थर्ड पार्टी बीमा पालिसी ले सकते हैं।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी कितने में होती हैं

थर्ड पार्टी कार इन्शुरन्स प्रीमियम की कीमत इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अंतर्गत फिक्स होती हैं। केवल इंजन के क्यूबिक साइज़  केआधार पर थर्ड पार्टी बीमा की कीमत कम ज्यादा होती हैं। वाहन में जितने बड़े साइज़ का इंजन होगा उसकी बीमा पालिसी के लिए आपको उतने ही ज्यादा पैसे देने होंगे। निचे Engine CC के आधार पर थर्ड पार्टी कार इन्शुरन्स पॉलिसी प्रीमियम दिए गए हैं।

  • 1000 cc से कम साइज़ का इंजन : 1850 रूपए सालाना
  • 1000 cc से ज्यादा और 1500 cc से कम : 2833 रूपए सालाना
  • 1500 cc से ज्यादा साइज़ का इंजन : 7890 रूपए सालाना

Third Party Insurance में क्या कवर होता हैं

आपके वाहन के थर्ड पार्टी बीमे में कवर किया जाता है:

  • थर्ड पार्टी को कोई चोट लगे या उसकी मौत हो जाए तो उसका हर्जाना।
  • Third Party Insurance Holder वाहन या किसी और प्रॉपर्टी के नुकसान की भरपाई।
  • एक्सीडेंट की वजह से थर्ड पार्टी का हमेशा के लिए विकलांग हो जाना।
  • दुर्घटना में किसी तीसरे की मौत हो जाता।

थर्ड पार्टी बीमे में क्या कवर नहीं किया जाता

  • अपने वाहन में जो नुकसान होता हैं उसकी भरपाई थर्ड पार्टी बीमे में नहीं आती। उदाहरण के लिए अगर आप किसी दुसरे वाहन में टक्कर मारते हैं तो आपके वाहन को ठीक होने में जो खर्चा आयगा उसकी भरपाई नही होगी।
  • प्रॉपर्टी या वाहन में हुए नुकसान की भरपाई एक सीमा तक ही की जा सकती हैं। थर्ड पार्टी इन्शुरन्स के जरिए अधिकतम 7.5 लाख तक की ही भरपाई की जा सकती हैं उससे उपर का खर्चा वाहन मालिक को अपने जेब से देना होगा।
  • दावा करने से पहले थर्ड पार्टी बीमा के लिए कंपनी द्वारा निर्धारित नियम और शर्तो को ध्यान से जान लेना आवश्यक हैं। अगर कोई क्लेम इन नियम और शर्तो के अनुसार नहीं होगा तो उसे बीमा कंपनी से कोई कवर नहीं मिलेगा।

Third Party Insurance Claim कैसे किया जाता हैं

अगर कोई कार बाइक या दूसरा कोई वाहन से आपका एक्सीडेंट हो जाता हैं और आपको कोई इंजरी हो जाती हैं तो उसके इलाज में होने होने वाली मेडिकल खर्च के लिए आप Insurance Claim कर सकते हैं। एक्सीडेंट में मृत्यु होने पर मरने वाले के घर वाले जो उस पर निर्भर थे आय की हानि के लिए दावा कर सकते हैं। थर्ड पार्टी क्लेम करने के लिए निचे बताए स्टेप्स को फॉलो करे।

1. थर्ड पार्टी क्लेम के लिए एक्सीडेंट के ठीक बाद Insurance Company को सूचित किया जाना चाहिए।

2. Third Party claim application fill करने के लिए Police FIR करवाना जरुरी होता हैं। एक्सीडेंट होने के बाद नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर FIR दर्ज कराए। जिसके लिए आपको निचे दिए गए डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होगी।

  • जिस वाहन का एक्सीडेंट हुआ उसका Registration number (RC)
  • ड्राईवर का लाइसेंस नंबर
  • अगर दुर्घटना के गवाह हैं तो उनके नाम और मोबाइल नंबर।

3. FIR की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चार्जशीट बनेगी जिसकी आवश्यकता आपको आगे चलकर होगी। चार्जशीट और दुसरे जरुरी डॉक्यूमेंट के साथ आपको थर्ड पार्टी बीमा के लिए स्पेशल कोर्ट (Motor Accident Claims Tribunal) में केस दर्ज कराना होगा। इसके लिए आपको वकील की जरुरत पड़ेगी।

4. वाहन की RC के अलावा थर्ड पार्टी के हुए नुकसान से जुड़े दस्तावेज़ भी साथ में जमा कराने होंगे जिससे कितना नुकसान हुआ हैं सुनिश्चित हो सके।

5. एक्सीडेंट में चोट लगने या मौत होने के बाद थर्ड पार्टी को कितनी राशी कवर के रूप में मिलेगी ये सुनिश्चित नहीं की गयी हैं। इसका निर्णय कोर्ट करता हैं की थर्ड पार्टी को नुकसान के लिए कितने पैसे बीमा कंपनी द्वारा दिए जायंगे।

दोस्तों HindiUse की आज की ये जानकारी थर्ड पार्टी बीमा क्या है : Third Party Insurance in Hindi? आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले। थर्ड पार्टी बीमे से जुड़े कोई भी सवाल आप निचे पूछ सकते हैं।

Share This Post:

About Hindi Use

HindiUse.com एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ पर एक प्रोफेशनल ब्लॉगर की टीम है जो शिक्षा, सामान्य ज्ञान, बैंकिंग, ज्योतिष और अन्य इंटरनेट से संबधित जानकारी हिंदी भाषा में शेयर करते है।

Leave a Comment