MSP meaning & full form in Hindi: भारत एक कृषि प्रधान देश है जहा पर अधिकतर लोग खेती पर निर्भर रहते है और उनकी आय का एकमात्र स्रोत कृषि होता है। हमारे देश में किसानो की हालत हम सब से छुपी नहीं है हर साल सेकड़ो किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते है। किसानो को उनकी फसलो का दाम सही मिले इसी दिशा में सरकार काम करती रहती है। एमएसपी अर्थात न्यूनतम समर्थन मूल्य उसी दिशा में की गयी एक पहल है। जिसको लेकर हाल ही में किसान आंदोलन भी हुआ है जिसमे एक Fix Msp की मांग की गयी है। आज हम जानेंगे MSP क्या है? ये तय कैसे होता है की कितना एमएसपी मिलेगा और इससे जुडी पूरी जानकारी।
इस साल बीजीपी सरकार ने 3 किसान बिल पास किये है। सरकार का कहना है ये बिल किसान की भलाई के लिए बनाए गए है और इन्हें किसान की हालत में काफी सुधार होगा। वही देश भर के किसान इन बिलों का विरोध कर रहे है। किसानो का कहना है की इन बिल (msp bill) में एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का का जिक्र नहीं हैं जिससे किसानो को अपनी फसलो का उचित रेट नहीं मिल पाएगा। इन बिलों को वापिस लेने की मांग तेज़ी से पूरे देश में उठ रही है। चलिए आगे विस्तार से जानते है एमएसपी है क्या।
Table of Contents
एमएसपी क्या है: MSP meaning in Hindi
MSP का मतलब है न्यूनतम समर्थन मूल्य। एमएसपी भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया गया मूल्य होता है जिस पर सरकार किसान से फसल खरीदती है। सरल भाषा में समझा जाए तो किसी फसल का एमएसपी वो न्यूनतम रेट होता है जिस पर उस फसल को खरीदने की गारंटी सरकार किसानो को देती है। इसकी शुरुआत किसानो को फसल रेट को लेकर एक सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए किया गया था।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली की शुरुआत की थी। भारत में 1942 में पहली बार खाद्य विभाग बना था जिसे आजादी के बाद अपग्रेड तब किया गया जब देश में एक समय खाद्य पदार्थो की भारी कमी आ गयी थी। 1960 के दशक में जब भारत में हरित क्रांति की शुरुआत हुई और सरकार ने खाद्य भंडारण को रोकने के लिए कई कदम उठाए। उन्ही में से एक कदम था एमएसपी प्रणाली जिसे 1966-67 में शुरू किया गया, उस समय केवल गेहू की फसल के लिए msp निर्धारित की गयी थी। बाद में जिसे कई अन्य फसलो के लिए भी लागू किया गया।
MSP Full Form: एमएसपी की फुल फॉर्म
MSP की Full Form है Minimum Support Price. मिनिमम सपोर्ट प्राइस का हिंदी में अर्थ है न्यूनतम समर्थन मूल्य। भारत में किसानो के लिए एमएसपी उस समय एक सपोर्ट बन जाता है जब किसी वजह से फसलो के मूल्य में भारी गिरावट आ जाए। ऐसे में मार्किट रेट चाहे कितना भी गिर जाए पर किसान अपनी फसल को उतना रेट तो मिलता ही है जितनी सरकार ने उस फसल की एमएसपी निर्धारित की है।
फसलों के एमएसपी: MSP Price 2020-21
भारत में कुछ चुनिंदा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य केंद्र सरकार, कृषि लागत और मूल्य आयोग की सलाह के आधार पर करती है। कृषि लागत और मूल्य आयोग को CACP कहते है जिसकी फुल फॉर्म है Commission for Agricultural Costs and Prices. भारत सरकार ने 22-23 फसलो के लिए ही MSP Price Fix किया हुआ है। जो हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के साथ भारत के सभी राज्यों में समान रहता है।नीचे दिए गए फसलो का मिनिमम सपोर्ट प्राइस 2020-2021 साल का है और price/100kg के हिसाब से है।
फसल का नाम | न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) |
धान (आम) | 1868 |
धान (ग्रेड A) | 1888 |
ज्वार (हाइब्रिड) | 2620 |
ज्वार (मलदंदी) | 2640 |
गेहूं | 1975 |
बाजरा | 2150 |
मक्का | 1850 |
मूंगफली | 5275 |
सोयाबीन | 3880 |
तूर (अरहर) | 6000 |
शीशम | 6865 |
मूंगफली | 5275 |
उड़द | 6000 |
मूंग | 7196 |
कपास (मध्यम) | 5515 |
कपास (लंबा) | 5825 |
रागी | 3295 |
रामतिल | 6695 |
जौ | 1600 |
जूट | 4225 |
खोपरा | 9960 |
जाने: वर्तमान में भारत की जनसंख्या कितनी है
MSP का निर्धारण कैसे होता है
MSP निर्धारण करने का काम CACP करती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण स्वामीनाथन समिति के फार्मूले के आधार पर किया जाता है। Swaminathan Committee भारतीय सरकार द्वारा किसानो की समस्याओ को सुलझाने के लिए बनाई गयी थी। नीचे दिए कुछ कारको के आधार पर किसी भी फसल की एमएसपी निर्धारित की जाती है।
- फसल उगाने में आने वाली कुल लगत
- बाजार की कीमतों में रुझान
- मांग और आपूर्ति
- अंतर्राष्ट्रीय मूल्य स्थिति
- जीवन यापन की लागत पर प्रभाव
- किसानो की लगने वाली लागत और उन्हें मिलने वाले दाम में समता
- फसलो के भंडारण में आने वाला खर्च, टैक्स, परिवहन खर्चा और अधिकारियों के मार्जिन।
- इनपुट के दामो में बदलाव
- जीवन यापन की लागत पर असर
एमएसपी के फायदे: MSP Benifits in Hindi
- न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली की वजह से फसलो की कीमत ज्यादा नहीं गिर सकती। मार्किट का रुझान चाहे जैसा हो पर किसानो को उनकी उपज का एक फिक्स प्राइस तो मिल ही जाता है।
- इस प्रणाली की मदद से सरकार फसलों की कीमतों में तेज गिरावट और वृद्धि दोनों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
- एमएसपी के आने से किसान में नई तकनीको से फसल उगाने की पहल तेज़ होने में मदद मिलती है।
- इसका बाजार की कीमतों पर बहुत प्रभाव पड़ता है जिससे किसानो को उत्पादन बढाने और आय के मामले में अन्य क्षेत्रों से कदम से कदम मिलाकर चलने में मदद मिलती है।
- MSP निर्धारित करते समय कई फैक्टर ध्यान में रखे जाते है जिससे किसानो को बाज़ार की दया के भरोसे ही नहीं छोड़ा जाता।
दोस्तों हम आशा करते है आपको एमएसपी क्या है : MSP meaning, price & full form? लेख से न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी है तो इसे शेयर करके औरो तक भी जरुर पहुचाए।